ग्रामीण पुनर्निर्माण संस्थान द्वारा ब्लाक सभागार अतरौलिया में महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम के अंतर्गत राष्ट्रीय पोषण माह पर संगोष्ठी का आयोजन

 


अतरौलिया (आजमगढ़)

ग्रामीण पुनर्निर्माण संस्थान एवम् फोर्सेस उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में संस्थान द्वारा संचालित ग्रामीण महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम के अन्तर्गत ब्लॉक सभागार अतरौलिया के प्रांगण में आगनवाड़ी बहनों के साथ राष्ट्रिय पोषण माह पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसके मुख्य अतिथि आगनवाड़ी सुपरवाइजर गीता वर्मा तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अतरौलिया से बीसीपीएम सुरेश पांडेय जी उपस्थित रहे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजदेव चतुर्वेदी द्वारा बताया गया कि भारत जैसे देश में आज भी कुपोषण एक गंभीर समस्या है। कुपोषण के कारण बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास बाधित होता है और वे विभिन्न बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। पोषण के सही स्तर को बनाए रखना न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य के लिए भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। पोषण की जरूरत को समझते हुए भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय पोषण सप्ताह की शुरुआत की गई। राष्ट्रीय पोषण सप्ताह भारत सरकार का एक अभियान है, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि लोग सही आहार के महत्व को समझें और अपने दैनिक जीवन में पोषण तत्वों से भरपूर भोजन को शामिल करें। इस अभियान के तहत हर साल साल 1 से 7 सितंबर तक पूरे भारत में राष्ट्रीय पोषण सप्ताह का आयोजन लोगों में सही आहार के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए किया जाता है। इस सप्ताह के माध्यम से लोगों को संतुलित आहार और सही पोषण के महत्व के बारे में जानकारी दी जाती है, ताकि हर व्यक्ति स्वस्थ और सशक्त जीवन जी सके। राष्ट्रीय पोषण सप्ताह 2024 की थीम हर साल, राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के लिए एक विशेष थीम निर्धारित की जाती है, जो पूरे सप्ताह के दौरान होने वाली गतिविधियों और कार्यक्रमों की दिशा निर्धारित करती है। 2024 में राष्ट्रीय पोषण सप्ताह की थीम है: "सभी के लिए पौष्टिक आहार"। इस थीम के तहत, लोगों को संतुलित आहार की अवधारणा और उसके लाभों के बारे में जागरूक किया जाएगा। यह थीम बताती है कि एक स्वस्थ और संतुलित आहार किस प्रकार हमारे शरीर के विभिन्न अंगों को पोषण प्रदान करता है और हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक होता है। भारत जैसे देश में आज भी कुपोषण एक गंभीर समस्या है। कुपोषण के कारण बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास बाधित होता है और वे विभिन्न बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। पोषण के सही स्तर को बनाए रखना न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य के लिए भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। सबसे पोष्टिक आहार राष्ट्रीय पोषण सप्ताह से आप भी अपने सेहत के प्रति सचेत होते हुए आहार में पौष्टिक चीजों को शामिल करें। कुछ ऐसे आहार हैं, जिनका नियमित सेवन काफी स्वास्थ्य लाभ दे सकता है। इसमें हरी सब्जियां, दही, दालें, मोटे अनाज, फल आदि शामिल हैं। राष्ट्रीय पोषण सप्ताह से अपनी डाइट में इन 7 पौष्टिक आहार को शामिल करें। हरी पत्तेदार सब्जियाँ जैसे पालक, मेथी, सरसों का साग, बथुआ, सुपर फूड सहजन आदि विटामिन्स, मिनरल्स, और फाइबर से भरपूर होती हैं। ये सब्जियां आयरन का अच्छा स्रोत होती हैं, जो रक्त में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाने में सहायक है। दही का सेवन पाचन तंत्र को सुधारता है और गैस्ट्रिक समस्याओं से बचाता है। अलसी के बीज का सेवन पाचन को बेहतर बनाता है और त्वचा को स्वस्थ बनाए रखता है। सोयाबीन में प्रोटीन की उच्च मात्रा होती है और यह आयरन, कैल्शियम, और फाइबर से भरपूर होती है। बीसीपीएम सुरेश पांडेय जी द्वारा बताया गया कि एक दिन में हम जितना कार्य करते हैं उसी अनुपात में संतुलित आहार भी लेना चाहिए । जब आप स्वाद रहित भोजन करेंगे तो वह आपके स्वास्थ्य के लिए सही होगा । इस पूरे कार्यक्रम में संस्था कार्यकर्ता ज्योति, सौरभ, सुधा और नवनीत आदि का सहयोग रहा।










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